Posted On: 07 July 2025 8:41 PM by PIB Delhi Regarding Van Mahotsav in Kota
बड़े बदलाव के लिए ज़िद और जुनून जरूरी होता है-लोक सभा अध्यक्ष
कोटा में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत वन महोत्सव का शुभारम्भ
जिस तरीके से प्रदूषण बढ़ रहा है उसे देखते हुए निकट भविष्य में सांस लेना और भी दूभर हो जाएगा। श्वास और स्वास्थ्य की बीमारियाँ बढ़ जाएंगी। पौधारोपण ही हमें बचा सकता है सिर उठा कर चले आ रहे इन खतरों से। पौधारोपण वन महोत्सव के नाम पर हो जाए या फिर अपने बिछुड़ चुके परिजनों के नाम पर कोई पौधा या पेड़ लगाने से। इस से हम धरती मां और प्रकृति के उस क़र्ज़ को उतरने का ही छोटा सा प्रयास कर सकते हैं जो हमारे जन्म के साथ ही शुरू हो जाता है। हमारे जीवन का हर श्वास हम पर प्रकृति का ही क़र्ज़ है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर चलाए जा रहे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अन्तर्गत रविवार को रावतभाटा रोड पर मुकुंदरा अभ्यारण्य क्षेत्र में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कोटा में ‘वन महोत्सव’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को पौधारोपण के लिए प्रेरित करते हुए प्रकृति के प्रहरी के रुप में सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का भावपूर्ण आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोटा एक जीवंत और जागरूक शहर है जिसने हर संकट और आपदा के समय एकजुट होकर अनुकरणीय सामर्थ्य दिखाया है। अब समय है कि हम सभी मिलकर कोटा को सबसे स्वच्छ, सुंदर और हरा-भरा शहर बनाने का जनआंदोलन खड़ा करें। यह कार्य केवल सरकार या कोई संस्था नहीं कर सकती। हमें जिद और जुनून से एक ऐसा आंदोलन खड़ा करना है, जिसमें हर वर्ग की सहभागिता हो और हर व्यक्ति एक-एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाएंगे तो हम बड़ा बदलाव ला सकेंगे।
ज़रा देखो नीचे दी गई इस तस्वीर को जिसमें पौधों को पानी देने के लिए एक जन सैलाब सा उमड़ा चला आ रहा लगता है। इन लोगों के पौधों के साथ प्रेम को देख कर आप इनके उत्साह का भी अनुमान लगा सकते हैं और प्रकृति के साथ प्रेम को भी।
श्री बिरला ने कहा कि कोटा का वायु प्रदूषण सूचकांक (एक्यूआई) बढ़ रहा है, जो चिंताजनक है। यदि हमें इस चुनौती से लड़ना है और अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना है, तो यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। हमारी संस्कृति में हम प्रकृति की पूजा करते हैं, राजस्थान वह भूमि है जिसने वृक्षों की रक्षा हेतु अपने प्राणों की आहुति दी है। आज बलिदान की आवश्यकता नहीं है, आवश्यकता है संकल्प की, सिर्फ एक जिद कि हम पेड़ लगाएंगे, उन्हें संरक्षित करेंगे और कोटा को हराभरा बनाएंगे।
बच्चों को प्रेरित करें, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो
उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को भी पौधारोपण के लिए प्रेरित करें, और हर विद्यार्थी जिस पेड़ को लगाए, उसकी देखभाल करे, उसे ट्रैक करे और परिजनों के साथ साझा करे। इससे पर्यावरण-संरक्षण की एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को पर्यावरण अनुरूप जीवनशैली और एक पेड़ मां के नाम अभियान से एक संदेश दिया है। जिस प्रकार हमारी माताएं हमें संस्कार और सुरक्षा देती हैं, उसी प्रकार धरती मां भी हमारा पालन करती है। एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाकर प्रकृति को समर्पित करना सबसे बड़ा पुण्य है।
देखो इस सुअवसर पर एकत्रित हुए लोग झट से एक ग्रुप में आ गए तांकि सभी की तस्वीर अच्छी आ जाए। कोई छूट न जाए। आखिर यह मौका सभी के लिए यादगारी भी बनता था और संदेश भी सभी के लिए डोर अंदेशी वाला है। पौधारोपण ही बचा सकता है हमारे भविष्य को।
श्री बिरला ने कोटा निवासी पर्यावरण प्रेमी बजरंग लाल का उल्लेख करते हुए कहा कि एक दिन गोवर्धनपुरा से गुजरते समय मैंने देखा कि बजरंग लाल जी सड़क किनारे अकेले ही पेड़ लगा रहे थे और उनकी सुरक्षा के लिए गार्ड भी बना रहे थे। उनके दोनों बेटे प्रतिष्ठित कंपनियों में इंजीनियर हैं, लेकिन वे स्वयं अपने शहर को हरा-भरा बनाने में जुटे हैं। यह समर्पण हम सबके लिए प्रेरणा है। समारोह में पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले वन विभाग के कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
पौधारोपण में उमड़ा जनसैलाब, दिखा प्रकृति से जुड़ाव
वन महोत्सव के अवसर पर पौधारोपण को लेकर जनसामान्य, सामाजिक संगठनों और कार्यकर्ताओं में विशेष उत्साह देखा गया। कार्यक्रम स्थल पर 10,000 और जिले भर में 25,000 पौधे लगाए गए। हर पौधे के साथ लोगों की अपनत्व की भावना स्पष्ट रूप से दिख रही थी।
***//AM//(Release ID: 2142989)
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