Saturday, August 11, 2012

टीवी चैनलों को बच्‍चों की पहचान छुपाने का आदेश

ऐसे बच्‍चों की पहचान जिन्‍हें सुरक्षा की आवश्‍यकता
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को ऐसे बच्‍चों की पहचान छुपाने का आदेश दिया है जो अपराधों में फंसे हैं और जिन्‍हें सुरक्षा की आवश्‍यकता है
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को ऐसे बच्‍चों की पहचान छुपाने का आदेश दिया है जो अपराधों में फंसे हैं और जिन बच्‍चों को सुरक्षा की आवश्‍यकता है।

राष्‍ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग (एनसीपीसीआर) का गठन मार्च 2007 में बाल अधिकार सुरक्षा आयोग अधिनियम, 2005 के अंतर्गत किया गया था। आयोग को यह अधिकार दिया गया कि वह भारत के संविधान और बाल अधिकार संबंधी संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रस्‍तावों के अनुरूप बाल अधिकारों के परिप्रेक्ष्‍य में सभी कानूनों, नीतियों, कार्यक्रमों और प्रशासनिक काम काज को सुनिश्‍चित करे। जो व्‍यक्ति इन प्रावधानों की अवहेलना करेगा उसे उपरोक्‍त अधिनियम की धारा 21 (2) के प्रावधानों के तहत जुर्माना अदा करना होगा।

इस विषय पर आयोग ने प्रिंट मीडिया और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया को आवश्‍यक निर्देश देने की सिफारिश की है कि वे उन बच्‍चों की फोटो, नाम, घर का पता, स्‍कूल का पता और उनकी पहचान प्रदर्शित न करें जिन बच्‍चों को मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है और जिसकी रिपोर्ट मीडिया को करने की आवश्‍यकता महसूस होती है।

सभी समाचार एवं वर्तमान घटनाक्रम संबंधी टीवी चैनलों को केबल टेलिवीजन नेटवर्कस नियम 1994 और नियम 6 (1) (1) के प्रावधानों का पालन करना होगा। यानी केबल सेवाएं ऐसा कोई भी कार्यक्रम नहीं प्रदर्शित करेंगी जिनसे बच्‍चों का सम्‍मान कम होता है।

सभी समाचार एवं घटनाक्रम संबंधी टीवी चैनलों से आग्रह किया जाता है कि वे बच्‍चों संबंधी किसी भी विषय पर एनसीपीसीआर और केबल टेलीविजन नेटवर्कस नियम 1994 के निर्देशों का पालन करें। किसी भी प्रकार की अवहेलना होने पर केबल टेलीविजन नेटवर्क (नियामक) अधिनियम 1995 में उल्लिखित अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग निर्देशों के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। (PIB)
    09-अगस्त-2012 19:23 IST

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