Sunday, September 9, 2012

साक्षरता मिशन पर उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी

मिशन को एक नियमित व स्थायी तंत्र बनाने की आवष्यकता
इन्टेगरल यूनिवर्सिटी लखनऊ में छात्रों के साथ आठ सिम्बर 2012 को हुई एक यादगारी भेंट में सम्बोधित करते  हुए माननीय उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी  (पीआईबी फोटो) 
उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी और उनकी पत्नी सलमा अंसारी को लखनऊ हवाई अड्डे पर आठ सितम्बर 2012 के दिन सुस्वागतम कहते हुए उत्तराखंड के राज्यपाल बी एल जोशी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व अन्य (फोटो:पीआईबी) 
साक्षरता मिशन  को व्यापक और ज्यादा प्रभावषाली बनाने के लिये हमारी व्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उभरते परिवर्तनों के अनुरूप इसे ढालने के साथ ही मिषन को एक नियमित एवं स्थायी तंत्र के रूप में आकार देने की जरूरत है। ऐसे तंत्र को न केवल प्रषासनिक बल्कि संागठनिक, सामाजिक एवं निजी स्तर पर भी स्थापित किये जाने व आगे जारी रखने की आवष्यकता है । यह विचार आज लखनऊ में उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2012 के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर व्यक्त किये । इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कारों का वितरण भी किया ।

उन्होंनेे कहा कि साक्षरता मिषन की सफलता बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करेगी कि स्थानीय स्वषासन निकायों और पंचायती राज संस्थाओं द्वारा इसे कितने प्रभावी रूप से कार्यान्वित किया जाता है। मिषन के उद्देष्यों और औचित्य की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि हमारी जन संख्या का 44 प्रतिषत हिस्सा अनुसूचित जातियां,अनुसूचित जनजातियंा और अल्पसंख्यक हैं । अगर यह कार्यक्रम सचमुच उन तक पहुंचाया जाय तो कामयाबी की गारंटी दी जा सकती है । 

उन्होंने आगे कहा कि महिलाआंे का सामाजिक आर्थिक विकास मुख्य रूप से उनकी साक्षरता के स्तर पर निर्भर करता है । इस प्रकार महिलाओं की साक्षरता उनके सषक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है । अतः साक्षर भारत कार्यक्रम महिलाओं की साक्षरता पर भी बल देता है । 

अंत में उन्होंने कहा कि हमारे देषवासियों के सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक विकास तथा एक प्रबुद्व समाज के लिये गुणवत्तायुक्त साक्षरता की आवष्यकता है । इसके लिये निरक्षरता के विरूद्व अधिक जन जागरूकता पैदा करने और लोक मत बनाने की आवष्यकता है और हर नागरिक को यह चुनौती स्वीकार करने और निरक्षरता के चुंगल से भारत को मुक्त करने में अपना योगदान देने की जरूरत है। 

इस अवसर पर बोलते हुये केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें देहात और शहरों के बीच शिक्षा में जो 16 प्रतिषत की खाई हैं उसे कम करना है और पुरूष एवं महिलाओं की साक्षरता के बीच के 16 प्रतिषत के अंतर को 10 प्रतिषत से कम करना है तथा साक्षरता का प्रतिषत यथाषीघ्र 80 प्रतिषत करना है । इसके लिये हर वर्ग के साथ ही केन्द्र व राज्य सरकारों तथा सभी राजनीतिक दलों को साथ चलना होगा। 

इस अवसर पर बोलते हुये उत्तर प्रदेष के मुख्य मंत्री श्री अखिलेष यादव ने कन्या विद्याधन योजना तथा अल्पसंख्यक छात्राओं के लिये षिक्षा हेतु सहायता आदि की चर्चा करते हुये कहा है कि उनकी सरकार द्वारा साक्षरता के लिये काफी प्रयास किये जा रहे है पर गांवों के स्कूलों में संसाधनों की काफी कमी है जिसके लिये केन्द्रीय सहायता की और आवष्यकता है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेष के षिक्षा मंत्री श्री राम गोबिन्द चैधरी सहित कार्यक्रम से जुड़े विभागों के अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे ।

सायंकाल एक अन्य कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति महोदय ने लखनऊ स्थित इन्टी्रग्रल विष्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करने के साथ ही छात्रों द्वारा पूछे गये विभिन्न प्रकार के सवालों के जवाब भी दिये तथा उनको अपना ध्यान केन्द्रित कर जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने का आह्वान किया । (पत्र सूचना कार्यालय)                                     
08-सितम्बर-2012 21:04 IST

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